Himanta Biswa Sarma मंत्रीमंडल की बैठक में शाकाहारी भाेजन पराेसने का दिया था निर्देश
गुवाहाटी, 28 जून। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को एक औपचारिक पत्र लिखकर नलबाड़ी जिले की महिला जिला आयुक्त (DC Nalbari) काे फटकार लगाई, जिसके बाद यह मामला राज्य में चर्चा का विषय बन गया है।
मालूम हाे कि 27 जून काे गुवाहाटी से करीब 65 किमी दूर स्थित नलबाड़ी शहर में असम मंत्री की बैठक का आयाेजन किया गया था। असम सरकार पिछले कुछ समय से जनभागीदारी व क्षेत्र के विकास काे गति देने के लिये जिला स्तर पर मंत्रीमंडल की बैठकाें का आयाेजन करती है।
इस बैठक के दाैरान आगंतुकाें के खान-पान से लेकर रहने की व्यवस्था व बैठक के दाैरान कुछ पूर्व निर्धारित नियमाें के आधार पर कार्रवाही हाेती है। लेकिन नलबाड़ी में आयोजित मंत्रीमंडल की बैठक में ऐसा क्या हुआ कि एक दिन बाद स्वयं मुख्यमंत्री काे पत्र लिखकर जिला आयुक्त काे नसीहत देनी पड़ गई।
दरअसल, मुख्यमंत्री कार्यालय मंत्रीमंडल की हर बैठक से पहले संबंध जिले के आयुक्त काे कुछ दिशानिर्देश जारी करता है जिसमें एक शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसने का भी दिशा निर्देश रहता है। लेकिन नलबाड़ी में हुई बैठक के दाैरान इसके विपरीत कार्य करते हुए तरह-तरह के व्यंजन पराेसे गये जिसमें मांसाहार भी शामिल था।
इस बात पर नाखुश मुख्यमंत्री सरमा ने नलबाड़ी के जिला आयुक्त वर्णाली डेका को संबोधित करते एक औपचारिक पत्र में अपनी नाखुशी व्यक्त की।
पत्र (नहीं। CMO. 1/2024/4560) ने डीसी नलबाड़ी को संबोधित करते हुए कहाः “नलबाड़ी में 27/06/2024 को आयोजित कैबिनेट की बैठक के दौरान एक साधारण शाकाहारी भोजन की व्यवस्था करने के लिए इस कार्यालय से बार-बार निर्देशों के बावजूद, आपने तदनुसार निर्देश का पालन नहीं किया है।”
सीएम सरमा ने आगे जोर देकर कहा, “मैं आपकी ओर से इस तरह की कार्रवाई के लिए अपनी अत्यधिक अप्रसन्नता व्यक्त करता हूं। अब से, इस तरह के निर्देशों का ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए।”
उल्लेखनीय है कि राज्य में सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के गठन के बाद मई 2021 से असम मंत्रीमंडल विभिन्न जिलों में बैठकें कर रही है। मंत्रीमंडल ने यह निर्णय प्रशासनिक दक्षता में सुधार और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को विकेंद्रीकृत करने के सरकार के प्रयासों के हिस्से के रूप में लिया।
अन्य दिशानिर्देशों के अलावा, गमोचा (स्कार्फ)/फूलों के गुलदस्ते के साथ मुख्यमंत्री के सम्मान से सख्ती से बचा जाना चाहिए, और कैबिनेट के दौरान मुख्यमंत्री को कोई उपहार वस्तु नहीं दी जानी चाहिए। इसके अलावा, कैबिनेट ने बैठक के दौरान एक शाकाहारी मेनू, एक स्थानीय आदिवासी शैली का मेनू और मिट्टी के कप में चाय निर्धारित की है।